Monday 26 November 2018

कच्चा तेल संभला,कृषि एक्सपोर्ट पॉलिसी को मिलेगी मंजूरी

IDEALSTOCK|पिछले हफ्ते की भारी गिरावट के बाद कच्चे तेल में आज हल्की रिकवरी दिखी है और ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट का दाम पिछले 13 महीने के निचले स्तर से करीब 1 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है। हालांकि इसके बावजूद भाव 60 डॉलर के नीचे है। वहीं नायमेक्स क्रूड का दाम 50 डॉलर के ऊपर जाने में कामयाब हो गया है। पिछले हफ्ते कच्चे तेल में करीब 8 फीसदी की भारी गिरावट आई थी। पिछले 4 साल के ऊपरी स्तर से क्रूड का दाम करीब 34 फीसदी का गोता लगा चुका है। घरेलू बाजार में कच्चा तेल 3600 रुपये के भी नीचे का स्तर छू चुका है। इस बीच ग्लोबल एजेंसियां कच्चे तेल पर अनुमान भी घटाने लगी हैं। गौर करने वाली बात ये है कि ओपेक उत्पादन कटौती के प्रस्ताव के बावजूद भाव गिर रहे हैं।

कच्चे तेल में आई गिरावट से रुपये को काफी सपोर्ट मिला है। डॉलर की कीमत 70.5 रुपये के काफी नीचे आ गई है। रुपया करीब 3 महीने के ऊपरी स्तर पर है। इस बीच बेस मेटल में काफी उठापटक हो रही है और खास करके निकेल का दाम पिछले करीब 1 साल के निचले स्तर पर आ गया है। उधर सोने और चांदी में सुस्त कारोबार हो रहा है।
एग्री की बात करें तो चने में जोरदार तेजी आई है। वायदा में इसका दाम 1 साल के ऊपरी स्तर पर चला गया है। दरअसल रबी दाल की बुआई पिछले साल से करीब 10 फीसदी पीछे चल रही है जिसमें चने की खेती में सबसे ज्यादा करीब 13 फीसदी की कमी आई है।

कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने वाली कृषि एक्सपोर्ट पॉलिसी को इसी हफ्ते कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। वाणिज्य मंत्रालय ने इसकी रुपरेखा तैयार करके कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया है। इसके लागू होने के बाद 2022 तक भारत का कृषि एक्सपोर्ट 6 हजार करोड़ डॉलर होने की उम्मीद है। कृषि एक्सपोर्ट में 6,000 करोड़ डॉलर के कारोबार का लक्ष्य है।
नई कृषि नीति के तहत एपीएमसी एक्ट में बदलाव होगा। इसमें मंडी फीस कम करने की सिफारिश भी की गई है। नई नीचि ते तहत अब जमीन लीज के नियम आसान होंगे, राज्यों की इंफ्रास्ट्रक्चर में भूमिका बढ़ेगी, न्यूनतम इंपोर्ट मूल्य, एक्सपोर्ट ड्यूटी खत्म होगी, देश भर में कृषि एक्सपोर्ट जोन बनेंगे और किसानों की आय दोगुनी करने की कवायद होगी। बता दें कि अभी एक्सपोर्ट में कृषि उत्पादों की हिस्सेदारी 10 फीसदी है।

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